दशमलव भिन्न किसे कहते हैं

दशमलव संख्या : जिन संख्याओं का मान शून्य से अधिक व एक से कम होता है वे दशमलव संख्याएँ कहलाती हैं।

जैसे 0.10, 0.25, 2012, 0.02, 0.005 आदि।

दशमलव का जोड़ घटाना गुणा भाग 

(1) सभी दशमलव संख्याओं को उनके स्थानिक मान के अनुसार एक के नीचे एक क्रम में लिखते हैं।

(2) दशमलव बिंदु को एक ही स्तंभ में रखा जाता है।

(3) इसके बाद योग / बाकी की क्रिया पूर्णांकों की तरह करते हैं।

(4) उत्तर में दशमलव को उसी स्थान पर लगाते हैं जिस पर वह संख्याओं के स्तंभ में लिखा होता है।

दशमलव सवाल

उदाहरण 1.0.0125, 0.25, 0.5 एवं 0.6758 का योग होगा।

(1) 1.4313  (2) 1.4383
(3) 1.431  (4)1.413

 हल-               0.0125   (किसी संख्या में दाँयी तरफ रिक्त स्थान होने पर उतने ही शून्य उसमें लगा लेते हैं।)

                       0.2500 

                       0.5000 

             योग  0.67581.                4383

उदाहरण 2. 0.21-0.1756 का मान होगा

 हल-                 0.2100

                       -0.1756    0.0344

पूर्णाश एवं अपूर्णांशः दशमलव भिन्न में पूर्ण संख्या (दशमलव से बांयी ओर की) को पूर्णाश एवं अपूर्ण संख्या (दशमलव से दायीं ओर की) को अपूर्णाश कहते हैं।

जैसे, दशमलव भिन्न 13.741 में पूर्ण संख्या 13 है अतः पूर्णांश = 13 एवं अपर्ण संख्या 0.741 को अपूर्णांश कहते हैं। 

दशमलवभिन्न में विभिन्न अंकों के स्थानीयमान (Place Values): दशमलव भिन्न में विभिन्न अंकों के स्थानीय मान दशमलव प्रणाली के आधार पर ज्ञात किये जाते हैं।

दायीं से बाई ओर चलने पर प्रत्येक अगले अंक का.स्थानीय मान पिछले अंक के स्थानीय मान से 10 गुना हो जाता है। इसी प्रकार बायीं से दायीं ओर चलने पर प्रत्येक अगले  अंक का स्थानीय मान पिछले अंक के स्थानीय मान का 1/10 भाग हो जाता है।

उदाहरण 3 4352.716 में विभिन्न अंकों के स्थानीय मान निम्न प्रकार होंगे

पूर्णाश के अंकों के स्थानीय मान

इकाई के अंक 2 का स्थानीय मान = 2 x 1 = 2

दहाई के अंक 5 का स्थानी मान =5x10 =50

सैंकड़े के अंक का 3 का स्थानीय मान = 3 x100 = 300

हजार के अंक 4 का स्थानीय मान = 4 x 1000 = 4000

अपूर्णाशों (दशमलव (.) से दायीं ओर के अंकों) के स्थानीय मान= दसवें

भाग के अंक 7 का स्थानीय मान =7×110=710

सौवें भाग के अंक 1 का स्थानीय मान = 1×1100=1100

हजारवें भाग के अंक 6 का स्थानीय मान = 6×11000=61000

नोटः किसी दशमलव भिन्न के दाहिनी ओर अंतिम स्थान पर के अंक के बाद एक या अधिक शून्य लगाने पर भी उस अंक का स्थानीय मान नहीं बदलता है।

उदाहरण 4: दशमलव भिन्न 658.439 में 5 का स्थानीय मान है

(1) 5    (2) 50  (3) 150  (4) 500 

हलः दी गई संख्या में 5 दहाई के स्थान पर है।

अत: उसका स्थानीय मान = 5 x 10 = 50

उदाहरण 5: दशमलव संख्या 476,289 में १ का स्थानीय मान होगा

(1) 9   (2) १    (3)9100 (4) 91000

हलः उक्त संख्या में 9 हजारवें भाग के स्थान पर है। . अतः १ का स्थानीय मान = 9×11000=91000

दशमलव भिन्नों का बढ़ता हुआ ( आरोही) क्रम एवं घटता हुआ (अवरोही) क्रमः

दशमलव भिन्नों का पूर्णाश असमान होने पर क्रम में व्यवस्थित करनाः

दशमलव भिन्नों का पूर्णांश (दशमलव से बायीं ओर की संख्या) असमान होने पर उनके पूर्णांशों की तुलना के आधार पर भिन्नों को आरोही या अवरोही क्रम में जमाते हैं। जिस भिन्न का पूर्णांश सबसे बढ़ा होगा वही दशमलव भिन्न सबसे बड़ी होगी। इसी प्रकार जिस भिन्न का पूर्णांश छोटा होगा वह दशमलव भिन्न भी छोटी होगी।

उदाहरण 6: दशमलव भिन्नों 4314.2358 , 4337.9876 , 4569.9998 तथा 4570.0012 को आरोही क्रम में व्यवस्थित करने पर दायीं ओर सबसे अंत में आने वाली व सबसे बड़ी संख्या होगी-

(1) 4314.2358    (2) 4337.9876

(3)4569.9998     (4)4570.0012

हल: भिन्नों के पूर्णांश अलंग-अलग है। अतः पूर्णांशों को आरोही क्रम में व्यवस्थित करेंगे। 4314 < 43374 < 4569 < 4570

अतः दी गई दशमलव भिन्न का आरोही क्रम होगा

4314.2358 , 4337.9876 , 4569.9998 , 4570.0012

L..........................to.................................... R.

अत: दाहिनी ओर की सबसे अंतिम संख्या है =4570:0012 (सबसे बड़ी संख्या) एवं सबसे छोटी संख्या = 4314.2358 होगी।

अवरोही क्रम में व्यवस्थित करना हो तो इन्हें उल्टे क्रम में व्यवस्थित कर देंगे।

2. दशमलव भिन्नों के पूर्णाश समान होने पर क्रम में व्यवस्थित करनाः

ऐसी स्थिति में भित्रों के अपूर्णाशों (दशमलव के दायीं ओर के अंकों) की तुलना कर उन्हें आरोही या अवरोही क्रम में व्यवस्थित करते हैं। अपूर्णाशों में अंकों की तुलना निम्न प्रकार करते हैं

(1) सभी भित्रों के अपूर्णाश में दसवें भाग के स्थान वाले अंकों में जो सबसे बड़ा होगा वह भित्र सबसे बड़ी होगी।

(2) यदि दसवें भाग वाले अंक भी सभी भित्रों में समान हो तो 100वें भाग वाले अंकों की तुलना करेंगे। जिस भिन्न का 100वें भाग वाला अंक बड़ा होगा वह भिन्न भी बड़ी होगी।

यही प्रक्रिया अगले स्थान पर आने वाले अंकों के लिए दोहराई जाएगी।

उदाहरण 7: नीचे दी गई दशमलव भिन्नों में सबसे बड़ी संख्या है

(1) 3415.2899      (2) 3415.1957

(3) 3415.1111       (4)3415.2958

हल:  भिन्नों के पूर्णाश समान है। अत: सबसे बड़े अपूर्णाश .2958 वाली भिन्न 3415.2958 सबसे बड़ी संख्या है।

उदाहरण 8: निम्न दशमलव भिन्नों में सबसे छोटी संख्या है -

(1) 5415.2958          (2) 5415.9000

(3)5475.1989          (4) 5415.8999

हलः सभी भिन्नों में पूर्णाश समान है। अत: अपूर्णाशों के आधार पर तुलना की जाएगी-अपूर्णाश 0.1989 में दसवें भाग का अंक 1 शेष तीनों भिन्नों से कम तथा भिन्न 5415,9000 दसवें भाग का अंक शेष तीनों से अधिक है। अतः सबसे छोटी दशमलव भिन्न 5415.1989 एवं सबसे बड़ी संख्या 5415.9 होगी।

दशमलव संख्याओं का गुणा:

दशमलव संख्याओं के गुणा की प्रक्रिया:

(1) दशमलव संख्याओं को पूर्णाकों की विधि से ही गुणा करते हैं।

(2) गुणा करने वाली दशमलव संख्याओं के दशमलव स्थानों को दायीं तरफ से गिनकर जोड़ लेते हैं।

(3) गुणनफल में दायीं तरफ से उतने ही स्थान गिनकर उनके बाद दशमलव लगा देते हैं।

उदाहरण 9.0.456 x 0.854 का मान क्या है?

हल- 0456 x 0.854 = 0.389424

चूंकि 0.456 एवं 0.854 में दायीं तरफ से कुल छ: स्थानों (3+3) के बाद दशमलव है। अत: उत्तर में भी 6 स्थानों के बाद दशमलव लगायेंगे।

दशमलव भिन्नों के भाग (Division):

दशमलव भिन्न वाली संख्या का भाग भी ठीक उसी प्रकार करते हैं जिस प्रकार सामान्य संख्या का करते हैं। फर्क केवल इतना है कि दशमलय बिन्दु के ठीक बाद आने वाले स्थान 'दशांश' को भाग करने से पहले भागफल में दशमलय बिन्दु लगा देते हैं। शेष प्रक्रिया सामान्य तरह से रहती है।

उदाहरण 10: 267.358 में 13 का भाग देने पर भागफल होगा

(1) 21.22             (2) 20.56

(3) 20.568           (4) 20.566

हल: 13) 267.358 ( 20.566 -26

13) 267.358 ( 20.566   -26  73     -65   85       -78   78        -78×

अतः भागफल 20.566 होगा।

दशमलव भिन्नों का विस्तारित रूपः

दशमलव संख्याओं का विस्तारित रूप ज्ञात करने हेतु उसकी हर संख्या के स्थानीय मान से उस संख्या को गुणा करते हुए योग कर लेते हैं।

उदाहरण 11: संख्या 217.1309 का विस्तारित रूप क्या होगा?

हलः इसमें पूर्णांक संख्या 217 में 2 का स्थानीय मान सैकड़ा है, 1 का दहाई है तथा 7 का इकाई है ।

अतः इसका विस्तारित रूप होगा। 2x100+1x10+7

इसी की दशमलव संख्या .1309 में 1 का स्थानीय मान 110 वाँ है, 3 का 1100वाँ 11000 वाँ एवं १ का 110000

अतः सम्पूर्ण संख्या का   विस्तारित रूप

=200+10+7+110+3100+910000

नोट - शून्य का स्थानीय मान सदैव शून्य ही होता है।

भिन्न संख्याओं के विस्तारित रूपको दशमलव में बदलनाः

यदि दशमलव भिन्नों का विस्तारित रूप दिया गया हो तथा उसे दशमलव भिन्न में परिवर्तित करना हो तो पूर्णांकों का योग कर दशमलव वाली संख्याओं में जोड़ देते हैं।

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