Types of fractions in hindi | how many types of fractions
भिन्न किसे कहते हैं
किसी भी संख्या / वस्तु के किसी भाग का उस सम्पूर्ण संख्या / वस्तु से संबंध प्रदर्शित करने को भिन्न कहते हैं । जैसे - एक भिन्न है। भिन्न में ऊपर की संख्या को अंश (Numerator ) एवं नीचे की संख्या को हर ( Denominator) कहते हैं। भिन्नों को के रूप में व्यक्त किया जाता है जहाँ Q ≠ 0
भिन्न कितने प्रकार के होते हैं
साधारण भिन्न (Simple Fraction) : जो भिन्न के रूप में होती है, उसे साधारण भिन्न कहते हैं। इसमें p अंश तथा q हर कहलाता है तथा Q ≠ 0 जैसे-, , आदि।
दशमलव भिन्न (Decimal Fraction): जिस भिन्न का हर 10 या 10 की घातों में हो उसे दशमलव भिन्न कहते हैं। जैसे-
, , , .... आदि।
उचित भिन्न (Proper Fraction): जब किसी भिन्न का अंश उसके हर से कम होता है तो वह उचित भिन्न कहलाती है। जैसे- , , , आदि।
Note:उचित भिन्न सदैव 1 से छोटी होती है।
अनुचित भिन्न (Improper fraction): ऐसी भिन्न जिसका अंश उसके हर से बड़ा या बराबर हो, उसे अनुचित भिन्न कहते हैं। जैसे
, , , , , आदि ।
मिश्र भिन्न ( Mixed Fraction): वह भिन्न जो एक पूर्णांक एवं भिन्न से मिलकर बनी हो, मिश्र भिन्न कहलाती है। जैसे - , , आदि।
समान हर वाली उचित भिन्नों की तुलनाः
1. नियमः यदि उचित भिन्नों के हर Same हों तो वह भिन्न सबसे बड़ी होती है जिसका अंश सबसे बड़ा है तथा वह भिन्न सबसे छोटी होगी जिसका अंश सबसे छोटा होता है जैसे - , , , , में > > >
भिन्न का सवाल
उदाहरण 1: भिन्नों , , , , में सबसे छोटी एवं सबसे बड़ी भिन्न कौनसी होगी?
1) OR |
2) OR |
3) OR |
4) OR |
हलः (3) सभी भिन्नों के हर समान हैं। अतः सबसे बड़े अंश वाली भिन्न सबसे बड़ी भिन्न एवं सबसे छोटे अंश वाली भिन्न है सबसे छोटी भिन्न होगी। भिन्नों का आरोही क्रम
> > > >
समान अंश परन्तु असमान हर वाली उचित भिन्नों की तुलनाः
नियम- यदि भिन्नों के अंश एक समान हों परन्तु उनके हर असमान हों तो वह भिन्न सबसे बड़ी होती है जिसका हर सबसे छोटा हो तथ वह भिन्न सबसे छोटी होती है जिसका हर सबसे बड़ा हो।
जैसे- , , , , , में सबसे छोटा हर 4 है। अतः - सबसे बड़ी भिन्न है तथा हर 9 सबसे बड़ा हर है, अतः - सबसे छोटी भिन्न है।
अतः उक्त भिन्ने आरोही क्रम में इस प्रकार हो < < < <
उदाहरण 2 : , , , , में सबसे बड़ी व सबसे छेटी भिन्न कौनसी है? .
हलः सभी भिन्नों के अंश समान हैं परन्तु हर भिन्न-भिन्न हैं । चूँकि सबसे बड़ा हर 12 है। अतः वाली भिन्न सबसे छोटी भिन्न होगी एवं सबसे छोटे हर 6 वाली भिन्न सबसे बड़ी भिन्न होगी। इनका आरोही क्रम (Assending order) है < < < < < तथा अवरोही क्रम (घटता हुआ (या descending order) > > > > होगा।
अंश व हर दोनों असमान वाली भिन्नों की तुलनाः
नियम- यदि भिन्नों में न तो हर समान हों और न ही अंश समान हों तो ऐसी भिन्नों की तुलना करने हेतु उन्हें पहले समान हर वाली भिन्नों में परिवर्तित करते हैं। समान हर वाली भिन्नों में बदलने हेतु उनके हरों का लघुत्तम समापवर्त्य (LCM) ज्ञात करते हैं और सभी का हर LCM लेकर उनके अंश में तदनुसार परिवर्तन कर लेते हैं। उसके बाद जिस भिन्न का अंश सबसे बड़ा होगा वह भिन्न सबसे बड़ी होगी एवं जिस भिन्न का अंश सबसे छोटा होगा वह भिन्न संबसे छोटी भिन्न होगी।
उदाहरण 3 : , , , , का आरोही क्रम क्या होगा?
हलः सभी भिन्नों में न तो अंश समान हैं और न ही हर। अतः तुलना करने हेतु पहले इन सभी के हर 4, 6, 8, 12, 16 का LCM ज्ञात करेंगे।
LCM = 48
इसके बाद इन सभी का हर 48 रखकर अंशों को बदलेंगे।
इनमें सबसे बड़ा अंश 42 है। अतः सबसे बड़ी भिन्न या होगी
तथा सबसे छोटा अंश 32 है। अत: सबसे छोटी भिन्न या होगी।
इन सभी भिन्नों का आरोही क्रम उनके अंश के बढ़ते हुए क्रम में निम्न
< < < <
या < < < <
भिन्न के सवाल कैसे हल करें
हर एवं अंश का अंतर समान वाली भिन्नों की तुलना जबकि भिन्न का हर उसके अंश से अधिक हो (यदि हर> अंश) :
नियम 1: यदि दो या अधिक भिन्नों की सीरीज में हर उनके अंश से अधिक हो (हर> अंश) तथा सभी भिन्नों में अंश एवं हर का अंतर (अंश-हर) = एक समान हो तो वह भिन्न सबसे बड़ी होगी जिसका अंश सबसे बड़ा हो।
Example: , , एवं सबसे बड़ी भिन्न कौनसी है?
हलः सभी भिन्नों में अंश एवं हर का अन्तर तीन है तथा हर अंश से बड़ा है। इनमें सबसे बड़ा अंश 17 है। अत: भिन्न सबसे बड़ी होगी।
सबसे छोटा अंश 9 है। अतः सबसे छोटी भिन्न होगी।
नियम 2: परंतु यदि भिन्न का अंश उसके हर से अधिक हो (अंश > हर) एवं सभी भिन्नों में अंश व हर का अंतर समान हो तो वह भिन्न सबसे बड़ी होगी जिसका अंश सबसे छोटा हो तथा वह भिन्न सबसे छोटी होगी जिसका अंश सबसे बड़ा हो।
Example: , , , में सबसे छोटी भिन्न कौनसी है?
हलः सभी में भिन्न का अंश उसके हर से अधिक है। (अंश > हर) तथा दोनों का अंतर = 2 है अतः सबसे छोटे वाले अंश वाली भिन्न = सबसे बड़ी भिन्न होगी एवं सबसे बड़े अंश 23 वाली भिन्न, सबसे छोटी होगी।
भित्रों को दशमलव में बदलकर तुलनाः
नियमः उक्त पाँच नियमों के अलावा उचित भिन्नों की तुलना उन्हें दशमलव भिन्न में परिवर्तित करके भी कर सकते हैं। इस हेतु दी गई सभी भिन्नों को दशमलव संख्या में बदलकर छोटी व बड़ी भिन्ने ज्ञात कर लेते हैं।
Example: , , एवं में सबसे छोटी एवं सबसे बड़ी भिन्न ज्ञात करें।
हलः सभी भिन्नों को दशमलव भिन्न में बदलने पर 0.75, 0.40 : 0.571, 0.667
दशमलव भिन्नों की तुलना करने पर हमें ज्ञात होता है कि सबसे बड़ी दशमलव भित्र 0.75 है। अत: सबसे बड़ी भिन्न होगी , इसी प्रकार सबसे छोटी दशमलव भिन्न है 0.40, अत: सबसे छोटी भिन्न होगी
Example: भिन्नों का आरोही क्रम में , , , एव का आरोही क्रम क्या होगा तथा इनमें सबसे बड़ी व सबसे छोटी भिन्न कौनसी है?
हलः सभी भिन्नों के अंश भी असमान हैं तथा हर भी असमान हैं। अत: तलना करने हेतु इनके हर का LCM ज्ञात करेंगे। 4,5,7,8, 10 का LCM = 280
अत: सभी भिन्नों का हर 280 लेकर अंश बदलने पर -
आरोही क्रम
या इनमें सबसे छोटी भिन्न या है तथा सबसे बड़ी भिन्न या है।
नोट- परीक्षा में ऐसे प्रश्नों के दशमलव में बदलकर करना भी सरल होता है। दशमलय में परिवर्तित करने पर इनमें सबसे बड़ी भिन्न 0.90 वाली होगी तथा सबसे छोटी भिन्न 0.286 वाली होगी। आरोही क्रम 0.286 <0.75 <0.80 <0.875<0.90 अर्थात्
भिन्न संख्याओं का योग करना अथवा घटाना | भिन्न का जोड़ घटाव गुणा भाग | भिन्न का जोड़
(1) भिन्न संख्याओं के हरों का ल.समापवर्त्य (LCM) ज्ञात करते हैं।
(2) प्रत्येक संख्या के हर का ल.स. में भाग देकर भागफल को उस संख्या के अंश से गुणा कर लेते हैं।
(3) इस प्रकार प्राप्त गुणनफलों का योग कर LCM का भाग दे लेते हैं।
(4) घटाने हेतु प्राप्त गुणनफलों का अंतर ज्ञात कर उसमें LCM का भाग देते हैं।
अगर भिन्न असमान अन्तर वाली हो तो सबसे पहले देखना है की अंश व हर में से सबसे कम अन्तर कौन सा है वह बड़ी होगी उसके बाद जिसका अंश बड़ा हो वह भिन्न बड़ी होगी
नोट- यदि भिन्नों के हर समान हों तो उनका योग या बाकी
भिन्न संख्याओं का गुणा करना :
(1) भिन्न संख्याओं का गुणनफल ज्ञात करने हेतु सभी संख्याओं के अंशों का गणनफल ज्ञात करते हैं।
(2) फिर सभी संख्याओं के हरों का गुणनफल ज्ञात कर लेते हैं।
(3) अंशों के गुणनफल में हरों के गुणनफल का भाग दे लेते हैं।
भिन्नों के भाग करना
(1) एक भिन्न में दूसरी भिन्न का भाग देने के लिये जिस दूसरी भिन्न का भाग देना है उसके व्युत्क्रम को पहली भिन्न से गुणा करते हैं।