दिल्ली की राजधानी क्या है ? | Delhi Ki Rajdhani Kya Hai
दिल्ली की राजधानी क्या है : हम जानते है की राजधानी के श्रृंखला मे आज दिल्ली ही राष्ट्रीय राजधानी भारत की राजधानी है । भारत की राजधानी एक केंद्र-शासित राज्य है ! १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला है दिल्ली की जनसंख्या जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। इसे ब्लॉग को पढ़ने के बाद आप लोगों के बहुत सारे प्रश्नो के उत्तर मिल जाएंगे। इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको निम्न सवालों के सही और पूरे उत्तर देने का प्रयास करेंगे !
दिल्ली की राजधानी कहाँ है ? | Delhi ki rajdhani kahan hai
दिल्ली की राजधानी भारत की राजधानी है यहाँ पर बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी तथा अन्य भाषा के लोग भी रहते है मुख्यते यह हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है केंद्र-शासित प्रदेश होने के कारण यहां पर तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं। यहाँ पर पूर्व में यमुना नदी है और दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां है ! दिल्ली में यमुना नदी के किनारे गौरवशाली नगर स्थित है ! भारत एक प्राचीन नगर है। जो कि सिन्धु घाटी सभ्यता के इतिहास जुड़ा हुआ है।
दिल्ली देश की राजधानी कब बनी ? | Delhi bharat ki rajdhani kab bani ?
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में लिया था । 18वीं एवं 19वीं शताब्दी में दिल्ली देश की राजधानी बनी ! ब्रिटिश ईस्ट इंडिया ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया था । 1911 में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों आने लगे और यह उनका रहने लगे इससे दिल्ली के स्वरूप में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो के लोग और धर्मों एवं जातियों के लोगों दिल्ली में बसने लगे और दिल्ली का शहरीकरण हुआ
दिल्ली का नाम कैसे पड़ा
इस नाम दिल्ली कैसे पड़ा इसका कोई निश्चित सन्दर्भ नहीं मिला है लेकिन व्यापक रूप से यह माना गया है कि एक प्राचीन राजा ढिल्लु नाम से सम्बन्धितहै। बहुत से इतिहासकारों का यह मानना है कि यह देहलीज़ का एक बड़ा रूप है जिसका भारत में अर्थ होता है चौखट, जो कि इस नगर के सम्भवतः सिन्धु-गंगा समभूमि के प्रवेश-द्वार होने का सूचक है। यहाँ पर एक अनुमान के अनुसार इस नगर का पहला नाम ढिलिका था। दिल्ली में बहुत सारे पर्यटन का मुख्य केन्द्र भी है। भारत की राजधानी होने के कारण भारत सरकार के अनेक कार्यालय यह पर है जैसे की राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, केन्द्रीय सचिवालय आदि प्राचीन नगर होने के कारण दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व भी है। यह पर प्रसिद्ध पुराना किला है और जंतर मंतर - क़ुतुब मीनार - सफदरजंग का मकबरा - जैसे अनेक Word प्रसिद्ध निर्माण यहाँ पर आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। लगभग सभी धर्मों के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल यहाँ पर हैं जैसे बिरला मंदिर, बंगला साहब गुरुद्वारा, बहाई मंदिर, आद्या कात्यायिनी शक्तिपीठ, अक्षर धाम मंदिर, देश के शहीदों का स्मारक इंडिया गेट,और जामा मस्जिद , राजपथ पर इसी शहर में निर्मित किया गया है। दिल्ली में प्रधान मंत्रियों की समाधियाँ हैं और जंतर मंतर , लाल किला साथ ही अनेक प्रकार के संग्रहालय और अनेक प्रकार के बाज़ार हैं जैसे की चाँदनी चौक-कनॉट प्लेस और बहुत सारे उद्यान भी हैं जैसे मुगल उद्यान,तालकटोरा गार्डन, गार्डन ऑफ फाइव सेंसिस, लोदी गार्डन, चिड़ियाघर आदि, जो की दिल्ली घूमने आने वालों का दिल लुभा लेते हैं।
दिल्ली का खान पान और जायका
दिल्ली में पंजाबी और मुगलई खान पान जैसे कबाब और बिरयानी दिल्ली के कई भागों में प्रसिद्ध हैं। दिल्ली की अत्यधिक मिश्रित जनसंख्या के कारण भारत के विभिन्न भागों के अलग अलग खानपान की झलक मिलती है, जैसे की बंगाली, हैदराबादी खाना और दक्षिण भारतीय खाने के आइटम जैसे की इडली, सांभर, दोसा इत्यादि बहुत ज्यादा मिल जाते हैं। इसके साथ ही स्थानीय खासियत जैसे की चाट इत्यादि भी खूब मिलती है जिसे लोग चटकारे लगा लगा कर खाते हैं। इनके अलावा यहाँ महाद्वीपीय खाना जैसे इटैलियन और चाइनीज़ खाना भी बहुतायत में उपलब्ध है।
दिल्ली के त्यौहार
यहाँ पर धार्मिक त्यौहारों में दीवाली-होली-दशहरा-महावीर जयंती-ईद उल फितर-गुरु पर्व-क्रिसमस-महाशिवरात्रि-दुर्गा पूजा, बुद्ध जयंती लोहड़ी पोंगल और ओड़म जैसे पर्व मनाये जाते हैं। यह पर अन्य कई पर्व भी होते हैं, जैसे की महोत्सव - पतंगबाजी वसंत पंचमी जो एक वर्ष में एक बार होती है एशिया की सबसे बड़ी Auto Exhibition (ऑटो एक्स्पो ) दिल्ली में द्वि-वार्षिक आयोजित होती है। प्रगति मैदान में वार्षिक पुस्तक मेला आयोजित होता है। यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा पुस्तक मेला है ! जिसमें विश्व के 23 Countries भाग लेते हैं।
दिल्ली के प्रसिद्ध बाजार और कला
दिल्ली इतिहास में उत्तर भारत का एक महत्त्वपूर्ण व्यापार-केन्द्र भी रहा है। पुरानी दिल्ली में अभी भी अपने गलियों में फैले बाज़ारों और पुरानी मुगल धरोहरों को छुपा कर रखा हुआ है। दिल्ली शहर के बाजारों में हर एक प्रकार का सामान मिलेगा। जैसे की अचारों से लेकर मंहगे हीरे जवाहरात, कपड़ों के थान, तैयार कपड़े, मसाले, मिठाइयाँ और क्या नहीं ? पुरानी दिल्ली में पुरानी हवेलियाँ अभी भी शोभा शान से खड़ी है। तीन शताब्दियों से भी पुराना बाजार चांदनी चौक है, दिल्ली के ज़री साड़ियों और मसालों के लिए प्रसिद्ध है। दिल्ली की प्रसिद्ध कलाओं जैसे सोने के तार का काम, जिसे जरी कहा जाता है और पीतल के बर्तनों पर नक्काशी के बीच रंग भरा जाता है। दिल्ली की कलाओं के लिए बाजार प्रगति मैदान, दिल्ली हाट, हौज खास, दिल्ली जहां कई प्रकार के हस्तशिल्प के कार्य के नमूने देखने को मिल सकते हैं।