class 11 chemistry chapter 1 up board |chemistry class 11 chapter 1 notes up board
रसायन की परिभाषा के बारे में
रसायन विज्ञानं में पर्दार्थ के संगठन तथा गुण और पर्दाथ की अवस्था का अध्यन किया जाता है|
अथवा
विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतरगर्त पदार्थ के संगठन , संगरचना , परिवर्तन तथा उनसे संबंधित भौतिक रासानिक गुण का अध्यन किया जाता है रसायन विज्ञानं कहलाता है | ब्रमांड में आठ गृह सूर्य की परिक्रमा लगते हे जो द्रव्य तथा ऊर्जा से मिलकर बने होते हे द्र्व्ये में भार होता हे जो स्थान घेरता हे लकिन ऊर्जा आदर्शए होते जिसका केवल अनुभव होता हे |
डायग्राम
Chemistry class 11 chapter 1
तत्व (एलिमेंट)
धातु ( मेटल )
वे तत्व जिन्हे विधुत चमक तन्यता आदि के गुण पाया जाता हे वह विधुत के सुचालक होते हे उसे धातु कहते हे | जैसे आयरन , सोडियम , चाँदी , ताम्बा, सोना अल्लुमिनियम
अधातु ( नॉन - मेटल )
वे तत्व जिनमे क्षणभंगुरता पाए जाते हैं वह विधुत के कुचालक होते हैं अधातु कहलाते हैं इनमे चमक नहीं पाये जाते हैं| जैसे कार्बन , सल्फर फास्फोरस आदि|
उपधातु
वे धातु जिनमे धातु और उपधातु दोनों के गुण पाये जाते हैं उपधातु कहलाते हैं | जैसे जैसे बोरॉन, सिलिकांन, जम्मेनियम, आर्सेनिक, एण्डीमनी, आदि|
योगिक
योगिक वे शुद्ध पदार्थ हे | जो दोनों से अधिक तत्व या परमाणु से मिलकर बने होते हे | जैसे
,
कार्बनिक योगिक
इनमे कार्बन का होना आवश्यक हे | ये कार्बनिक हइड्रोजन तथा कुछ अन्य अधातु तत्व जैसे नाइट्रोजन , ऑक्सीजन , सल्फर आदि से बने होते हे | जैसे
शुगर ( ग्लूकोस ) |
अकार्बनिक ( गनोर्गानिक कंपाउंड )
इसमें कार्बनिक का होना आवश्यक नहीं हे |
वे काबनिक जिनका निर्माण दो या दो से अधिक तत्व के सयोग से होता हे अकार्बनिक योगिक कहलाता है| जैसे कार्बोनेट
मिश्रण
जब दो या दो से अधिक पदार्थ अनिश्चित अनुपात में मिलते है | तो नया मिश्रण बनता हे मिश्रण कहलाता है
मिश्रण दो प्रका र के होते है
समांगी मिश्रण ( होमोजेनियस मिक्सचर )
इसमें अवयव सामान प्रकार से विपरीत होते हे जिन्हे आखो से देखा नहीं जा सकता जैसे मिटटी का तेल व् डीजल हाइड्रोकार्बन व् मिश्रण होते है|
विषमांगी मिश्रण
इनमे अवयव आसमान प्रकार के होते है आखो से देखा जा सकता है जैसे कंक्रीट = ( सीमेंट + बारूद + मिटटी + पानी ) तथा दूध =( प्रोटीन + वसा + जल )
यौगिक |
मिश्रण |
यौगिक में विभिन्न अवयव द्रव्यमान के अनुसार में विद्वान रहते है |
मिश्रण के अवयव निश्चित अनुपात में विद्वान होते है |
यौगिकों के अवयवों को भौतिक विधियों द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता है |
मिश्रण के अवयवों को भौतिक विधियों द्वारा पृथक किया जाता है |
यौगिकों का निर्माण रासायनिक परिवर्तन के फलस्वरूप होता है |
यौगिकों का निर्माण भौतिक परिवर्तन के फलस्वरूप होता है |
यौगिकों की परिवर्तित सदैव समांगी होती है |
यौगिकों की परिवर्तित सदैव समांगी तथा विषमांगी होती है |
यथार्थरता
किसी भी राशि का प्रायोगिक मान तथा वास्तविक मान अंतर को यथार्थरता कहते हे यथार्थरता = प्रयोगिक मान - वास्तविक मान
परिशुद्धता ( प्रिसिशन )
किसी भी राशि का मापन कितने गहराई से किया गया हे | इसे परिशुद्ता कहते है जहा यथार्थरता काम होता है वह मन शुद्ध होता है और जहा यथार्थरता अधिक होते है | वह मन काम शुद्ध होता है |
some basic concepts of chemistry class 11
रासायनिक सयोंग के नियम
1 द्रवयमान सरक्षण नियम
भौतिक या रासायनिक परिवर्तित में अभिकारक कुल द्रवयमान के उत्पात के द्रव्यमान के बराबर होते है |
द्रव्ये अविनासी
द्रव्ये के न तो उत्पन्न और न ही नष्ट किया जा सकता है |
कैसे भी रासायनिक अभिक्रिया में परिवर्तन के बाद भी द्रव्ये का कुल द्रव्यमान उतना ही होता ही | जितना अभिक्रिया से पहले था
( अभिक्रिया → उत्पाद )
स्थिर ( निश्चित ) अनुपात का नियम ( लॉ ऑफ़ कांस्टेंट का नियम )
रासायनिक तत्वो में तत्वों का अनुपात अनुपात स्थिर होता हे प्रत्येक रासायनिक योगिक में चाहे वे किसी भी विधि बनाया या प्रतियेक तत्वों के द्रव्यमान एक निश्चित अनुपात में सयुक्त रहता है| जैसे में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात 2:1 होता है और में कार्बन में ऑक्सीजन में अनुपात 1:2 होता है |
व्युत्क्रम अनुपात का नियम ( लॉ ऑफ़ रेसिप्रोकाल प्रोपोरशन )
इस मियम का प्रतिपादन जर्मन के वैज्ञानिक रिचटर ने किया था जबकि इसकी पुष्टि वैज्ञानिक स्टोस ने की थे तथा तत्वों के द्रव्यमान में मध्ये सम्बन्धो को व्यक्त करता है |
जब दो विभिन तत्वों के भिन्न - भिन्न द्रव्यमान अलग - अलग कैसे तीसरे तत्वों के निश्चित द्रव्यमान में सयोग करते है और यदि इन दोनों तत्वों में सयोग हो जाता हे तो वे उसे अनुपात में सयोग करेंगे जिसमे वे तीसरे तत्व के एक निश्चित द्रव्यमान से सयोग करते है|
में H वे O का
अनुपात 2:1 होता है दोनों में हाइड्रोजन वे सल्फर में अनुपात 2:1 होता है |
गे - लूसेक आयतन नियम
इस नियम का प्रतिपादन गे - लूसेक ने किया गैसों के रासयनिक अभिक्रिया के आधार पर किया था इस नियम के अनुसार जब गैस परस्पर अभिक्रया करती है तो उनके अभिक्रिया आयतनों में तथा अभिक्रिया से प्राप्त पदार्थ के आयतनों में सरल अनुपात होता है |
एक आयतन हाइड्रोजन , एक आयतन क्लोरीन के साथ सयोग करके दो आयतन HCL l गैस देता है | जैसे
डेल्टन का परमाणु सिद्धांत
पदार्थ अनेक सूक्षम अविभाज्य कणों से मिलकर बना होता है जिन्हे परमाणु कहत
1 परमाणु तत्व का सूक्षम कण हे जिससे विभाजित नहीं किया जा सकता हे | जो रासायनिक अभिक्रिया के समय ज्योka तथ्यों बना सकता हे |
2 विभिन तत्व के परमाणु के द्रव्यमान व् गुण भिन्न - भिन्न होता हे |
3 एक तत्व के सभी परमाणु द्रव्यमान आकर व् अन्य गुणों में सामान होते हे |
4 परमाणु अविनासी हे | ऐसे न तो नस्ट किया जा सकता हे और न ही उत्पन किया जा सकता हे | डेल्टन के परमाणु सिद्धांत के आधार पर परमाणु तत्व का वह छोटे से छोटा अविभाज्य कण जो कैसे भी रासयनिक अभिक्रिया में भाग ले सकता है|
डालटन परमाणु सिद्धांत के अनुप्रयोग
1 डालटन परमाणु सिद्धांत द्रव्यमान सुक्सान नियम तथा स्थिर अनुपात नियम जैसे रासायनिक सयोग को समाहित करता हे
2 डालटन परमणु सिद्धांत गणित अनुपात के नियम की भी व्याख्या करता है|
3 डालटन परमाणु सिद्धांत भिन्न - भिन्न तत्वो के परमाणु की विभिन्नता को भी व्यक्त करता है |
4 डालटन परमाणु सिद्धांत दर्व्य की सरचना के विचार को प्रस्तुत करता है |
डालटन परमाणु के सिद्धांत के सीमाएं
1 यह रासायनिक सयोग के उन्हें नियम को स्पष्ट कर सका जो द्रव्ये के द्रव्यमान पुर आधारित है |
2 यह सिद्धांत भिन्न - भिन्न तत्वो के परमाणु द्रव्यमान आकर तथा सयोजकता के भिन्न होने के कारण को स्प्षट नहीं कर सकता है |
3 यह सिद्धांत विभिन्न तत्वों के सयोजन से योगिक या अणु किस प्रकार से बनते है ये भी स्प्षट नहीं कर सकता हे |
4 यह सिद्धांत परमाणु या अणु के मध्य स्प्षट भेद नहीं कर सकता हे |
( Berzelius परिकल्पना )
बर्जेलिउस की परिकल्पकना के अनुसार सामान तप वे दाब पर सभी गैसों के सामान आयतन में परमाणु की साख्याएँ सामान होते हे इस परिकल्पना में हाइड्रोजन और क्लोरीन से हाइड्रोजन क्लोरिड में परिक्षण किया गया हे |
हाइड्रोजन + क्लोरीन →HCL
अवोगाद्रो की परिकल्पना
परजिलयस के परिकल्पना से उत्पन कठिनाइयों को अवोगाद्रो ने समझने का प्रयास किया हे इनके अनुसार तप वे दाब की सामान परिस्थितयो में गैसों को सामान आयतनों में अणु की सख्या सामान होते है|अवोगाद्रो की परिकल्पना के आधार पर परमाणु और अणु विंभेद किया जा सकता है
1 परमाणु (Atom )
किसी तत्व का वह छोटे से छोटा कण जो रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले सकता है परमाणु कहलाता है |
अण (Molicule )
किसी पदार्थ का वह छोटे से छोटा कण जिसका स्वंतत्र अस्तित्व होता हे | उस पदार्थ को अणु कहलाता हे पदार्थ तत्व अथवा योगिक कुछ भी हो सकता हे |
अवोगाद्रो के उद्धरण -copor,Ag ,Au (gold )
आदि स्वंतत्र अवस्था में रह सकते हे
नोट - हाइड्रोजन , नाइट्रोजन , ऑक्सीजन आदि तत्व के अणु स्वंतत्र रूप में रह सकते हे
अवोगाद्रो की परिकल्पना के अनुप्रयोग ( एप्लीकेशन ऑफ़ अवोगाद्रो ह्य्पोथेसिस )
1 समस्त तत्व व् योगिक अणु से मिलकर बने होते हे और अणु स्वयं परमणु से बने होते हे
2 तत्व के अणु एक ही प्रकार के होते हे परमाणु से और योगिक के अणु भिन्न - भिन्न प्रकार के परमाणु से मिलकर बने होते हे
3 परमाणु स्वंतत्र अवस्था में नहीं रहता है
organic chemistry class 11 notes
डालटन का परमाणु सिद्धांत
मुला अनुपाती सूत्र
तत्वों को प्रतिक का वह समूह जो योगिक को योगिक के एक अनु को प्रदर्शित करता हे योगिक रासायनिक सूत्र कहलाता हे |
वह सूत्र जिसके द्वारा किसी योगिक में उपस्थित तत्वों के परमाणु के सरल अनुपात का भेद होता हे उस योगिक के मूल अनुपाती सूत्र कहलाता है|
जैसे - ग्लूकोस रासायनिक सूत्रहोता है इस रासायनिक सूत्र से कार्बोन हाइड्रोजन ऑक्सीजन परस्पर सरल अनुपात क्रम्स 1:2:1 होता है |
नमारलता
एक लीटर घोल में पदार्थ को तुल्यांकी भर का जो अंश घुला रहता हे निर्मलता कहलाता हे|इसे N से प्रदर्शित करते हे | निर्मलता = ग्राम ⁄ लीटर में मात्रा/ तुल्यांकी भार
मोलरता = 1 लीटर घोल में पदार्थ के अणु का जो अंश घुला रहता हे | मोलरता होता हे
मोलरता (M) = ग्राम / लीटर मात्रा \ अणु भार
मोललता
पदार्थ के अणु भार का जो अंश घुला रहता हे मोललता कहते हे
मोललता ( M ) से प्रदर्शित करते हे
फार्मूला = 1000g विलायक में मात्रा \ अणुभार
रयसयनिक समीकरण के प्रकार ( टाइप्स ऑफ़ केमिकल रिएक्शन )
रासायनिक समीकरण दो प्रकार की होती है|
1 आणविक समीकरण ( मॉलिक्युलर रिएक्शन )
2 आयनिक समीकरण ( ionic equation)
आणविक सूत्र ( मॉलिक्युलर फार्मूला )
वह सूत्र जिसके द्वारा योगिक के एक अणु में उपस्थित तत्वों के परमाणु की वास्तविक सख्या का बोध होता हे | योगिक का आणविक सूत्र कहलाता हे जैसे- मैथिल का आणविक सूत्र CH4 होता हे ग्लूकोस C6H12O12 होता हे
नमारलता
एक लीटर घोल में पदार्थ को तुल्यांकी भर का जो अंश घुला रहता हे निर्मलता कहलाता हे|इसे N से प्रदर्शित करते हे | निर्मलता = ग्राम ⁄ लीटर में मात्रा/ तुल्यांकी भार
मोलरता = 1 लीटर घोल में पदार्थ के अणु का जो अंश घुला रहता हे | मोलरता होता हे
मोलरता (M) = ग्राम / लीटर मात्रा \ अणु भार
मोललता
पदार्थ के अणु भार का जो अंश घुला रहता हे मोललता कहते हे
मोललता ( M ) से प्रदर्शित करते हे
फार्मूला = 1000g विलायक में मात्रा \ अणुभार
रयसयनिक समीकरण के प्रकार ( टाइप्स ऑफ़ केमिकल रिएक्शन )
रासायनिक समीकरण दो प्रकार की होती है|
1 आणविक समीकरण ( मॉलिक्युलर रिएक्शन )
2 आयनिक समीकरण ( ionic equation)
some basic concepts of chemistry class 11 handwritten notes
आणविक समीकरण
वे रासयनिक समीकरण जिनमे अभिक्रिया तथा उत्पादों का आणविक सूत्र से व्यक्त किया जाता हे |
एक्साम्प्ल =
आयनिक समीकरण कक
वे रासयनिक समीकरण जिनमे अभिक्रिया तथा उत्पात को आयनो के रूप में व्यक्त किया जाता हे |
एक्साम्प्ल = Nacl + Agnos → Agcl ↓ +Nano3
रासायनिक समीकरण का महत्व
1 अभिक्रिया के अभिक्रिया तथा उत्पादों के नाम व् रासायनिक सूत्र व्यक्त होता हे |
2 रासयनिक अभिक्रिया से संबंधित पदार्थो के अपेक्षित द्रव्यमान व्यक्त होता हे |
3 अभिक्रिया में अभिकारकों में तथा उत्पाद गैसीय अवस्था में होता हे |
4 अभिक्रिया में ऊष्मा का शोषण होता हे | तो ऊष्मा शोषी है यदि अभिक्रिया ऊष्मा निकलता है | तो अभिक्रिया ऊष्मा निकलती है |
सीमान अवस्था
सीमान अभिक्रिया वह अभिक्रिया होता है जिसका रासयनिक अभिक्रिया में पूर्ण रूप से उपयोग होता है | तथा उसके मात्रा बनने वाला उत्पाद पदार्थ की मात्रा को सीमनंकित करते है |
जैसे = वायु की उपस्थित में मेथेन का दहन करने पर मेथेन दहन करने पर सहदेव सीमान अभिक्रिया देगा क्युकि वायु तो सदैव अधिक मात्रा में उपस्थित होगी| इसका अर्थ है दहन अभिक्रिया के बाद बनने वाला उत्पाद co2 तथा जल की मात्रा , मेथेन की मात्रा पर निर्भर करती है | न की वायु की मात्रा पर करती है |
मोल प्रभाज या मोल अंश
विलियन में उपस्थित किसी एक अवयव का मोल प्रभाज उस विलयन में उपस्थित उस अवयव मोलो की सख्या तथा विलियन में उपस्थित उन सभी अवयव मोलो की कुल सख्या का अनुपात होता है |
OR
विलय तथा विलायक का मोल प्रभाज विलय या विलयक के मोल की संख्या और विलयन में कुल मोलो के संख्या का अनुपात मोल प्रभाज कहलाता हे |
विलय का मोल प्रभाज= विलय के मोल / ( विलय + विलायक के मोल )
विलायक का मोल प्रभाज = ( विलायन के मोल ) / ( विलय + विलयन के मोल )
class 11 chemistry chapter 1 important questions with answers